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गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में फिर दर्ज हुआ उज्जैन का नाम
सिंहस्थ के बाद एक बार फिर शहर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया और इसके साक्षी बने वे हजारों स्कूली बच्चे जिनके सहयोग के बिना शायद ही फिर से वल्र्ड रिकॉर्ड बन पाता। जनवरी २०१७ में शुरू हो रहे स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर को सफाई के मामले में नंबर वन बनाने के लिए यह आयोजन किया गया।शुक्रवार सुबह नानाखेड़ा स्टेडियम में नगर निगम के स्वच्छता अभियान के तहत दो वल्र्ड रिकॉर्ड बने। शहर के विभिन्न स्कूलों के दो हजार से भी अधिक स्कूली बच्चों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चश्मे की आकृति बनाते हुए खड़ा किया गया। यह चश्मा स्वच्छता मिशन का लोगो भी है। स्टेडियम में मानव शृंखला के रूप में महात्मा गांधी का अब तक का सबसे बड़ा चश्मा बनाया गया।
इसके बाद दिल्ली से आई गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड की टीम ने इसका परीक्षण किया। इसी के साथ उज्जैन का नाम गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। इसके बाद स्टेडियम में मौजूद हजारों बच्चों, शहरवासियों एवं अधिकारियों ने स्वच्छता की शपथ लेकर एक और वल्र्ड रिकॉर्ड कायम किया। इससे पूर्व सिंहस्थ के दौरान २० मई को हजारों सफाई कर्मचारियों ने २४ घंटे लगातार सफाई कर वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया था। आयोजन में ऊर्जा मंत्री पारस जैन, निगम सभापति सोनू गेहलोत, निगम आयुक्त आशीष सिंह, अपर आयुक्त विशाल सिंह चौहान, पार्षद बुद्धिप्रकाश सोनी, प्रेमलता बैंडवाल, डॉ. योगेश्वरी राठौर सहित अन्य पार्षद मौजूद थे।
पहली बार बना बापू का चश्मा
दिल्ली से आए गोल्डन बुक वल्र्ड रिकॉर्ड के एशिया हेड डॉ. मनीष विश्नोई ने बताया गांधीजी के चश्मे की आकृति पहली बार मानव शृंखला के माध्यम से बनाई गई। दो हजार से भी अधिक स्कूली बच्चे इसमें शामिल हुए। यह चश्मा स्वच्छता मिशन का लोगो भी है इसलिए इसे वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल किया। दूसरा रिकॉर्ड सबसे ज्यादा लोगों द्वारा एक साथ स्वच्छता की शपथ लेने का बना।
यह रिकॉर्ड पहले नार्वे के नाम था। नार्वे में 1200 लोगों ने एक साथ शपथ लेकर रिकॉर्ड बनाया था, जबकि शुक्रवार को नानाखेड़ा स्टेडियम में 2000 से अधिक लोगों ने एक साथ स्वच्छता की शपथ लेकर नया वल्र्ड रिकॉर्ड बनाया। डॉ. विश्नोई इस आयोजन में पूरे समय मौजूद रहे। इसके बाद निगम आयुक्त आशीष सिंह को उन्होंने प्रमाण पत्र और गोल्डन बुक प्रदान की। इस दौरान विभिन्न स्कूल के प्राचार्यों को मंच पर ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने प्रमाण पत्र व स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस वल्र्ड रिकॉर्ड में शामिल बच्चों को स्कूलों में ही प्रमाण-पत्र वितरित किए जाएंगे।
ड्रोन से रखी नजर
स्टेडियम में बनने वाले रिकॉर्ड पर ड्रोन के माध्यम से नजर रखी गई। पूरे समय ड्रोन स्टेडियम में मंडराता रहा। बच्चों में यह कौतुहल का विषय भी रहा। इधर स्टेडियम में बने मंच पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी जिस पर बच्चों द्वारा बनाई गई आकृति दिखाई दे रही थी। किस तरह बच्चों को खड़ा किया जाना है, यह निर्देश स्क्रीन पर देखकर दिए गए।